अवैध ब्लास्टिंग ने युवक की ली जान , स्थानीय पुलिस प्रशासन से मिलकर एक्सीडेंट रची गई झूठी कहानी

अवैध प्लास्टिक ने युवक की ली जान , स्थानीय पुलिस प्रशासन से मिलकर एक्सीडेंट रची गई झूठी कहानी

चित्रकूट – भरतकूप क्रेशर नगरी में जहां अवैध ब्लास्टिंग से मजदूरों की जान जा रही है तो वहीं मजदूर की जान जाने की वजह स्थानीय प्रशासन से मिलकर हमेशा मनगढ़ंत कहानी एक्सीडेंट के रूप में रची जा रही है, भरतकूप थाना क्षेत्र के पहाड़ में अवैध ब्लास्टिंग या अवैध खनन को लेकर मजदूरों की जान जाने का यह कोई नया मामला नहीं है। खदानों में काम करने वाले कई मजदूरों ने अपनी जान तो गवा दी है लेकिन कभी वह खनिज माफिया नहीं फंसे जिसमें दोषियों पर कार्रवाई की जा सके सभी अधिकतर घटनाओं को एक्सीडेंटल घटना का ही रूप दिया गया है। ऐसी ही एक घटना फिर एक मजदूर के साथ खदान संख्या 1078 भौरा मे उस वक्त दिन गुरुवार सुबह 8 बजे घट गई जब मजदूर ब्लास्टिग कर रहा था । इसी वक्त टूटे पत्थर की चपेट में आने से आजमगढ़ निवासी एक मजदूर की जहां जान चली गई है। वही स्थानीय प्रशासन के द्वारा मजदूर की जान अवैध ब्लास्टिंग से न बताकर एक ट्रक की चपेट में आने से बताई जाने लगी। यह कहानी मनगढ़ंत तब रच ली गई जब सोशल मीडिया पर एक खबर चली और विभाग के द्वारा तत्काल मृत मजदूर की ट्रक की चपेट में आने की बात बताई जाने लगी। जबकि हकीकत यह है कि मृतक मजदूर के द्वारा सुबह खदान पर ब्लास्टिंग कर रहा था। इसी दौरान अवैध ब्लास्टिंग की चपेट में आ गया लेकिन पत्थर में दबे मजदूर की मौत की भनक किसी भी व्यक्ति को नही लगी थी । अवैध ब्लास्टिंग से टूटे पत्थर को जब लोडर मशीन के द्वारा ट्रक में लोड किया जाने लगा तो अचानक पत्थर के साथ मृत मजदूर का सौ भी लोडर की बाकेट में पत्थर के साथ आ गया। घटनास्थल पर लोड कर रहे लोडर ड्राइवर के द्वारा जब मजदूर का शव अपने लोडर के बाकेट में देखा गया तो हड़कंप मच गया और फिर इसकी सूचना खदान मालिक को दी गई । इसके बाद खदान मालिक के द्वारा स्थानीय प्रशासन से साठ गांठ करके मृतक के शव को लाकर संबंधित स्थान पर रखकर एक्सीडेंट की यह साजिश रच डाली गई। जिले के उच्च अधिकारियों को भी स्थानीय प्रशासन के द्वारा हुई घटना को लेकर गुमराह करने का प्रयास किया गया ,और पुलिस विभाग के द्वारा मृतक युवक शव को पीएम के लिए भेज दिया गया। बताया जा रहा है की घटना में जिस मजदूर की मौत हुई है उसका नाम हरेंद्र है जो दो वक्त की परिवार के पेट भरने की रोटी कमाने के लिए यहां काम करने आया था। उसे यह नहीं पता था कि जिस पत्थर पर वह काम कर रहा है वहां उसका अंतिम समय चल रहा है और हादसे में उसकी जान चली जाएगी । संबंधित घटना में सबसे बड़ा सवाल यह है की आखिर जिस खदान मालिक के यहां मजदूर काम करता था ।इसकी वजह यह है कि मृतक वहीं मजदूर रोज एक पहाड़ में चार इंची होल लगाकर हमेशा ब्लास्टिंग करने का कार्य किया करता था । यह एक गंभीर अवैध ब्लास्टिंग से हुआ हादसा है ना की एक्सीडेंटल यदि संबंधित उच्च अधिकारियों के द्वारा एक उच्च स्तरीय जांच की जाए तो ऐसी जानकारी सामने आएगी जिसमें स्थानीय प्रशासन से लेकर मनगढ़ंत साजिश रचने वाले कई परतदार परत खुलासे हो सकते हैं।

रिपोर्ट अर्जुन कश्यप