एक बार फिर रविवार की रात्रि में पंपापुर हनुमानगढ़ी आश्रम में डकैतों ने बोला धावा

एक बार फिर रविवार की रात्रि में पंपापुर हनुमानगढ़ी आश्रम में डकैतों ने बोला धावा

पंपासुर आश्रम से हनुमान जी की आंखें, गदा-मुकुट आदि सामान 1 मार्च को लूट ले गए थे चोर

श्रद्धालुओं ने सिद्ध प्राचीन हनुमान मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था फिर से मुस्तैद करने की उठाई मांग

चित्रकूट । देवांगना स्थित पंपापुर हनुमानगढ़ी आश्रम में रविवार की रात्रि में एक बार फिर चोरों ने धावा बोल दिया लेकिन पुजारी रामकृष्ण दास की सक्रियता भांप डकैत भाग खड़े हुए, इस प्रकार घटना होते होते बची। डकैतों द्वारा बार-बार ऐसी घटना करने पीछे ऐसा लग रहा है कि वह आश्रम में रह रहे तपस्वी संत प्रेम दास जी और पुजारी रामकृष्ण दास को किसी तरह वहां से हटाना चाहते हैं क्योंकि पिछले एक मार्च को डकैतों ने सारा सामान लूटपाट कर ले गए थे अब वहां कुछ बचा नहीं सिर्फ पुजारी रह रहे हैं ।अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोई संत महंत या फिर और कोई पंपापुर आश्रम में कब्जा करने की नियति से बार-बार ऐसी घटना करा रहे हैं और वहां के संत प्रेमदास जी महाराज व पुजारी को किसी न किसी रूप में हटाना चाहते हैं। यह इस तरह की पांचवीं घटना बताई जा रही है। कुछ वर्षों पहले तो डकैतों ने संत प्रेमदास जी महाराज को धारदार हथियारों से जमकर पीटा था, हाथ पैर पर वार किए थे । इस घटना से आक्रोशित चित्रकूट के संत महंतों ने कामतानाथ मंदिर के संत मदन गोपाल दास जी महाराज के नेतृत्व में संतों और आश्रम की सुरक्षा को लेकर धरना प्रदर्शन किया था तब वहां सुरक्षा के लिए पीएसी की कंपनी लगाई गई थी लेकिन कुछ दिनों के बाद चुनाव आया और वहां से पुलिस हटा ली गई तब से आज तक पुलिस की सुरक्षा वहां पर नहीं है और डकैत लगातार घटना कर रहे हैं। अभी पुलिस इस घटना को हल्के में ले रही जब घटना हो जाएगी फिर तरह-तरह के इंतजाम के बारे में पुलिस की बयानबाजी होगी जैसे कि चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी में बुन्देलखण्ड महोत्सव के दौरान पिछले दिनों सुरक्षा की चूक के कारण ही चार बच्चों की मौत हो गई जिस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, पूरा जिला पुलिस प्रशासन को कोस रहा है । साहब यह जानता है सब जानती है पर मजबूर है कुछ कर नहीं सकती क्योंकि शासन प्रशासन के हाथ में अधिकार है जनता तो सिर्फ बोल सकती है। यदि आश्रम में सुरक्षा की व्यवस्था न की गई तो कभी भी वहां संत और उनके शिष्य की जान माल को खतरा से इनकार नहीं किया जा सकता। बार-बार ऐसी घटना होने से अब तो वहां भक्तजन भी जाने से भयभीत होंगे। आश्चर्य की बात है कि एक मार्च को उसी स्थान से अज्ञात चोर हनुमान जी की आंखें,गदा, मुकुट और अन्य सामग्री चोरी कर ले गए। बाबा रणछोड़ दास की तपोस्थली प्राचीन पंपापुर आश्रम में चोरी से श्रद्धालुओं में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि एयरपोर्ट के पास स्थित इस मंदिर में चोरी होना पुलिसिया चौकसी पर सवालिया निशान लगाता है। देवस्थान सुरक्षित नहीं हैं तो जनपद चित्रकूट में अब पुलिस के मत्थे क्या सुरक्षित रहेगा यह विचारणीय प्रश्न है।

गौरतलब है कि एयरपोर्ट के पास पंपापुर आश्रम एक गुफा के अंदर हनुमान जी विराजमान हैं । यहां महंत प्रेमदास तपशाली और उनका एक शिष्य रामकृष्ण दास ही रहते हैं। विगत 1 मार्च गुरुवार की रात चोरों ने यहां धावा बोला और हनुमान जी की आंखें , गदा, मुकुट, पैर के आभूषण और अन्य सामान के साथ चढ़ावा चुरा ले गए। चोरों ने लोहे के दरवाजे को टेढ़ा कर दिया था। सुबह बाबाजी की नींद खुली तो वह सन्न रह गए। चोरी के संबंध में लोगों ने बहिलपुरवा पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस पहुंची तो थी लेकिन सुरक्षा का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया और एक बार फिर उस समय डकैत वहां धावा बोले जब देवांगना एयरपोर्ट का भव्य लोकार्पण हुआ और उसी रात डकैत भी पंपापुर आश्रम में धाबा बोल दिया। आश्रम के ऊपर देवांगना घाटी पर पास में ही हवाई पट्टी होने के बाद भी बार बार चोरी की घटना होना पुलिस को चुनौती ही तो कहीं जाएगी। पुजारी रामकृष्ण दास ने बताया कि इसके पूर्व भी लगभग डेढ़ साल पहले यहां चोरी हुई थी। वहां पर तपस्यारत बाबा पूरी तरह से सामाजिक जीवन से विरक्त हैं और वह चोरी की घटना की रिपोर्ट आदि भी नहीं दर्ज कराते। बताया कि जब यहां जंगलों में डकैतों की चहलकदमी थी तो पीएसी की टुकड़ी रहती थी पर अब सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। श्रद्धालुओं ने मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था कराने की मांग की है।