गुरुकुल में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार

गुरुकुल में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार

रिपोर्ट सुरेंद्र सिंह कछवाह

चित्रकूट ब्यूरो: संत रणछोड़दास महाराज की पावन तपोस्थली एवं उनके द्वारा जानकीकुण्ड में स्थापित गुरुकुल श्रीराम संस्कृत महाविद्यालय अंतर्गत श्री रघुवीर मन्दिर (बड़ी गुफा) में 151 बटुकों का सामूहिक उपनयन संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुआ।
धर्मनगरी में चैत्र शुक्ल पक्ष तिथि षष्ठी को प्रातः ग्रहशांति यज्ञ, गुरुपूजन, मंत्रदीक्षा, दण्डधारण एवं भिक्षाटन के विधान मंदिर परिसर में आचार्यों के निर्देशन में संपन्न किये गए। इस अवसर पर बटुकों के माता-पिता, गुरुकुल के आचार्यगण एवं सद्गुरु परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। साथ ही श्री राम संस्कृत विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि यज्ञोपवीत संस्कार के उपरांत ही गुरुकुल के विद्यार्थियों को वेद-शास्त्रों के अध्ययन का अधिकार प्राप्त होता है एवं प्राचीन वैदिक-सनातन परम्परा में यह ब्रह्मचर्य आश्रम की आवश्यक क्रिया एवं सोलह संस्कारों में से एक है। उपनयन को शास्त्रों में द्विज का दूसरा जन्म भी माना गया है। इस अवसर पर श्री सदगुरू सेवा संघ ट्रस्ट के अध्यक्ष विषद भाई मफत लाल की धर्म पत्नी रूपल बहन, ट्रस्टी डॉ बी के जैन, अध्यक्षा ऊषा जैन, गुरु-भाई बहन, आचार्यगण, विद्यार्थी, अभिभावक एवं सद्गुरु परिवार के सदस्य मौजूद रहे।