चित्रकूट क्षेत्र में भूपयर्टन एवं ग्लोबल जियो पार्क बनने से बढेंगे रोजगार के अवसर

चित्रकूट क्षेत्र में भूपयर्टन एवं ग्लोबल जियो पाकर् बनने से बढेंगे रोजगार के अवसर

रिपोर्ट सुरेन्द्र सिंह कछवाह चित्रकूट

चित्रकूट: चित्रकूट क्षेत्र में पायी जानें वाली भूगभिर्क विविधता और सांस्कृतिक विशिष्टता इसे वैश्विक स्तर पर ग्लोबल जियो पाकर् और जियो टूरिज्म का केन्द्र बना सकती है। जिससे क्षेत्र में रोजगार, स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिससे क्षेत्र के औद्योगिक एवं तकनीकी विकास का मागर् प्रशस्त होगा। यूनेस्को के मानदंड के अनुसार जियो पाकर् में महिलाओं की 50 प्रतिशत भागीदारी अनिवायर् है, जो महिला सशक्तीकरण को बल देगा। यह बात जिलें के सेवायोजन अधिकारी डॉ. पी.पी शमार् ने टीम के हवाले से कही।
जिले में सवेर्क्षण कर रही टीम के प्रमुख युनेस्को जियो पाकर् विशेषज्ञ डॉ. सतीश त्रिपाठी एवं सदस्य डी.एस.एन. काॅलिज उन्नाव के प्रो डॉ. अनिल साहू ने बताया कि उन्हें कामदगिरि पवर्त में बरहा के हनुमान मंदिर के निकट बुंदेलखंड ग्रेनाईट का विन्ध्यन चट्टानों के साथ सम्पकर् प्राप्त हुआ है जो कि मध्य भारत की चट्टानों की भौगोलिक धुरी है। जिलें में राम शैया मागर् पर बेसाल्टिक डाईक का ग्रेनाईट चट्टान में अवक्षेपण हुआ है जो कि अन्य कहीं नही मिलता। गुप्त गोदावरी घुलन शील गुफा का ऐसा अनूठा विश्व स्तरीय उदाहरण है जिसमें सतह पर नदी के रूप में जल का प्रवाह है। हनुमान धारा, लक्ष्मण पहाडी, कामतानाथ भगवान राम के भौगोलिक आश्रय स्थल हैं। जिनका आध्यात्मिक के साथ वैज्ञानिक महत्व है। यदि सरकार और स्थनीय स्तर पर प्रयास किया जाए तो इन्हें यूनेस्को की वैश्विक जियो पाकर् में शामिल किया जा सकता है।
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