जलवायु परिवर्तन के संकट को लेकर अरछा बरेठी में जल जंगल जमीन विषय पर हुई परिचर्चा

जलवायु परिवर्तन के संकट को लेकर अरछा बरेठी में जल जंगल जमीन विषय पर हुई परिचर्चा

रिपोर्ट अर्जुन कश्यप

चित्रकूट।‌ विकास पथ सेवा संस्थान द्वारा जल जंगल व जमीन विषयक एक सार्थक चर्चा का आयोजन भव्यता के साथ अरछा बरेठी गांव में मंदाकिनी नदी के घाट में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जल संरक्षण के एक गीत के साथ हुआ चर्चा में विचार व्यक्त करते विकास पथ सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ० प्रभाकर सिंह ने बताया कि संस्थान पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे पर 20 वर्षों से जन जागरूकता, वृक्षारोपण, नदी, नालों की सफाई का कार्य कर रही है। उसी क्रम में संस्थान देश दुनिया में जलवायु परिवर्तन के संकट को दृष्टिगत रखते हुए इस वित्तीय वर्ष में 100 से अधिक स्थानों में जिसमें नदी, नालों के किनारे बसे गांव, स्कूल, कॉलेजों में जल, जंगल, व जमीन के संरक्षण के लिए चर्चा का आयोजन कर जन जागरूकता, वृक्षारोपण ,नदी नालों में दहारे बनाने का सफल प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि जल, वर्षा जल के एक-एक बूंद पानी को बचाने के लिए ग्रामीण, स्कूली बच्चों को प्रेरित करेंगे। जिला गंगा समिति चित्रकूट रानीपुर टाइगर रिजर्व के जिला परियोजना अधिकारी गोपाल कृष्ण गुप्ता ने कहा कि नदियों के किनारे खेतों में एक जुट होकर साफ-सफाई और पेड़ अधिक से अधिक लगाएं वह वृक्षारोपण के लिए निशुल्क पौधों को दिलाने में ग्रामीणों का सहयोग करेंगे ।
संस्थान के अध्यक्ष डॉक्टर प्रभाकर सिंह ने पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा में अधिकाधिक वृक्षारोपण करने का सभी को संकल्प दिलाया।‌ इस मौके पर डाबर कंपनी की ओर से प्रदत्त फ्रूट जूस तेल ,शैंपू,नारियल जूस का वितरण किया गया।‌ ने कहा कि आजकल जिस हिसाब से वृक्षों का कटान हो रहा है उस हिसाब से हम लोग वृक्षारोपण नहीं कर पा रहे हैं ।सरकार लगातार वृक्षारोपण के लिए सभी को प्रेरित कर रही है ऐसी दशा में पर्यावरण संरक्षण बहुत जरूरी है जीवन बचाने के लिए शुद्ध हवा शुद्ध जल की जरूरत है जब तक पर्यावरण स्वच्छ नहीं रहेगा तब तक हवा पानी जल हमें शुद्धता के साथ नहीं मिलेगा मनुष्य स्वयं ही इसके लिए जिम्मेदारी ले और जल जंगल जमीन पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिकाधिक वृक्षारोपण करने का अभियान चलावे ।‌ हर व्यक्ति जल संरक्षण के लिए भी स्वयं जागरूक बने। चित्रकूट इंटर कॉलेज कर्वी के क्रीड़ा अध्यक्ष डॉ रमेश सिंह चंदेल ने कहा कि बृक्षों की कटान होने से पर्यावरण असंतुलित हुआ है इसीलिए पर्याप्त मात्रा में वर्षा नहीं हो रही है जितने अधिक वृक्ष होंगे उतनी ज्यादा वर्षा होगी, पेड़ लगाओ पानी बरसाओ इस नारे को हमें ध्यान में रखना होगा। राष्ट्रीय कवि रामलाल द्विवेदी प्राणेश जी ने कहा कि पुराणों में भी वृक्षारोपण तथा वृक्षों को बचाने के लिए स्थान दिया गया है , पीपल को पूज्यनीय माना गया है जो हमें रात दिन ऑक्सीजन देता है। शुद्ध वायु जीवन प्राण की रक्षा करती है। उन्होंने स्वरचित जल जंगल जमीन की रक्षा सुरक्षा के लिए प्रेरणा गीत सुनाकर किसानों को आत्मबोध कराया। कहा कि मंदाकिनी दिनों दिन सूखती जा रही है विकास के दौर में चित्रकूट धार्मिक क्षेत्र में मंदाकिनी के स्रोत बंद हो रहे हैं , सबसे ज्यादा चित्रकूट के मठ मंदिरों से निकले गंदे जल की वजह से मां मंदाकिनी प्रदूषित हो रही है इसे बचाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा, इसके अलावा जल संरक्षण करने के लिए भी हमें स्वयं जागरूक होना होगा , आवश्यकता अनुसार जल का प्रयोग करें आवश्यकता से अधिक पानी की बर्बादी को रोकना चाहिए।‌ कार्यक्रम संयोजक समाजसेवी सभासद शंकर प्रसाद यादव ने सभी ग्रामीणों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जीवन को बचाने के लिए हमें जल जंगल जमीन को भी बचना होगा मां मंदाकिनी अविरल बहती रहे इसके लिए भी हमें चिंतन करने की जरूरत है उन्होंने चिंता जताई कि आज मन मंदाकिनी बंधोईन बांध के आगे सूखी पड़ी मंदाकिनी की धारा रुक गई , अरछा बरेठी, औदहा, लोहदा आदि गांवों में मंदाकिनी का बहाव नहीं है , यदा कदा गड्ढों में पानी भरा है, यह बेहद चिंता का विषय है।
कार्यक्रम का संचालन समाजसेवी लवलेश सिंह ने किया। गोष्ठी में शिक्षक सुरेश कुमार राकेश राजपूत हनुमान यादव जगन्नाथ वर्मा प्रकाश वर्मा सुरेंद्र प्रसाद हरिश्चंद्र बैजनाथ अयोध्या प्रसाद राजकुमार सूबेदार अमित ललित यादव प्रभु दयाल शेष नारायण कुशवाहा नरेंद्र कुशवाहा दयाराम यादव श्रीकृष्ण मोतीलाल जितेंद्र तीर्थ पप्पू निषाद मातादीन चंद्रिका यादव विशंभर यादव राम भवन फूलचंद नामदेव मिठाई लाल विष्णु यादव सुरेश नारायण कुशवाहा ग्राम सजीवन यादव जगरूप कुशवाहा सुरेंद्रनाथ गुप्ता अवध किशोर यादव देशराज यादव आदि मौजूद रहे।