जांच दबाने में जुटे उपायुक्त श्रम रोजगार

जांच दबाने में जुटे उपायुक्त श्रम रोजगार

मनरेगा में बिना कायर् के हुआ था भुगतान

रिपोर्ट सुरेन्द्र सिंह कछवाह

चित्रकूट। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीतियां जिले में दम तोड़ती दिख रही हैं। जिम्मेदार अधिकारियों ने शासन नियमावली को दर-किनार कर कायर् कर रहे हैं। विकास कायोर्ं में फजीर्वाडा करने वालों के खिलाफ कायर्वाही की बजाय मेहरबानी की जा रही है।
ऐसा ही एक मामला मऊ ब्लाक के ददरी गांव का सामने आया है। बताया गया कि मऊ ब्लाक के ददरी गांव में मनरेगा से कराये कायोर्ं में धांधली की गई है। प्रधान-सचिव की मिलीभगत से मनरेगा में बिना कायर् के ही सरकारी धन का गबन हुआ है। ग्रामीणों ने जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की थी। जांच को उपायुक्त श्रम रोजगार ददरी गये थे। उपायुक्त को जांच में धांधली मिली थी। गांव में मेडबंदी व समतलीकरण के नाम पर फजीर्वाड़ा हुआ है। मौके पर कायर् नहीं हुए। फजीर्वाड़ा कर भुगतान कर सरकारी धन का बंदरबांट हुआ है। उपायुक्त श्रम रोजगार ने सजातीय प्रधान के खिलाफ कायर्वाही की बजाय जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। सूत्र बताते हैं कि उपायुक्त श्रम रोजगार को जिले में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलीभगत कर सजातीय होने का लाभ उठा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों से जिला प्रशासन के अधिकारियों पर दबाव बनवा रहे हैं। जिसके चलते जनप्रतिनिधि अधिकारियों पर धौंस से कायर् करवाना चाहते हैं। मजे की बात ये है कि एक ओर सरकार सबका साथ सबका विकास की नीतियों से कायर् का दावा कर रही है, दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों ने सजातीय जनप्रतिनिधियों के संरक्षण के बूते जनकल्याणकारी योजनाओं में पलीता लगा रहे हैं। देखना है कि जिला प्रशासन ददरी गांव में मनरेगा में हुए सरकारी धन के गबन की जांच कर कायर्वाही करेगा या नहीं।