ठोकिया के परिजनों पर एसएचओ की हमददीर् समझ से परे
चित्रकूट। मारे गये पांच लाख रुपये के ईनामी डकैत ठोकिया के परिजनों के प्रति भरतकूप थानाध्यक्ष सूबेदार बिन्द इन दिनों खासे मेहरबान नजर आ रहे हैं। इस डकैत ने 22 जुलाई 2007 की रात में पुलिस के आठ जवानों की हत्या की थी।
डकैत ठोकिया के परिजनों के प्रति थानाध्यक्ष सूबेदार बिन्द की हमददीर् के क्या कारण हैं? जबकि बन्दरी गांव के विष्णु शुक्ला की तहरीर पर ठोकिया के परिजन निभर्य कुमार, पंकज पटेल, राजेश, दिनेश कुमार व दो अन्य के खिलाफ एसपी अरुण कुमार सिंह के निदेर्श पर राहजनी, गाली-गलौज, मारपीट व जान से मारने की धमकी का मामला 29 जनवरी को भरतकूप थाने में दजर् हुआ है। आरोपियों को थानाध्यक्ष ने शान्तिभंग में चालान कर मामले की इतिश्री की है। थानाध्यक्ष ने आरोपियों को भरोसा दिया है कि वे इस मामले में फाइनल रिपोटर् लगा देंगे।
पांच लाख रुपये के मारे गये ईनामी डकैत ठोकिया के परिजनों पर थानाध्यक्ष की मेहरबानी समझ से परे है, जबकि ठोकिया ने पुलिस के आठ जवानों की हत्या भी की है। फिर भी उसके परिजनों के प्रति थानाध्यक्ष की हमददीर् के निहित कारण क्या हैं? एसपी के आदेश पर दजर् मामले में लीपापोती के पीछे क्या उद्देश्य है।