तुम मेरे शरीर को मार सकते हो, विचार नहीं: रामप्रसाद

तुम मेरे शरीर को मार सकते हो, विचार नहीं: रामप्रसाद

चित्रकूट। भाकपा ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर भाकपा कैंप कायार्लय में गांधी की हत्या के पीछे कौन सी विचारधारा थी- पर पूवर् विधायक का रामप्रसाद सिंह ने गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आज गांधी के बारे में सोच-समझकर उनका कद कम करने की साजिश हो रही है। गांधी ने कहा था कि तुम मेरे शरीर को मार सकते हो, मेरे विचार को नहीं।
मंगलवार को गोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता सीपीआई जिला सचिव का अमित यादव एड ने कहा कि गांधी एक दशर्न व विचार हैं। विश्व गुरु भारत में गांधी की बाबत बात करना कठिन हो गया है। गांधी दशर्न के साथ प्राचीन मूल्यों की रक्षा करना आसान नहीं रहा। गोडसे गैंग घोर साम्प्रदायिक थे, ने गोली मारी तो वे हे-राम बोले- मतलब आज का रामराज नहीं, एक ईश्वरीय रामराज की परिकल्पना थी। आज के दौर में स्वतंत्र रूप से न लिख सकते हैं, न बोल सकते हैं और न जी सकते हैं। यहां तक कि अपने व दूसरों के हक को आवाज उठा सकते हैं। गोष्ठी में का चंद्रपाल पाल, सुशील सिंह, रवि करण, कमलेश, महेंद्र सिंह समेत साथियों ने गांधी चित्र पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर हनुमान, शिवबरन, शिवनरेश सिंह, राजधर विश्वकमार्, बल्देव भाई, रामस्वरूप, बिहारीलाल, रामकिशोर, रामभज, शिवमंगल समेत दजर्नों लोग मौजूद रहे।

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सुरेन्द्र सिंह कछवाह चित्रकूट