मनाई गई संत रविदास जयंती

मनाई गई संत रविदास जयंती

रिपोर्ट अर्जुन कश्यप

चित्रकूट ब्यूरो: प्रगतिशील लेखक संघ तथा संत शिरोमणि रविदास समिति चित्रकूट द्वारा भक्ति आंदोलन के क्रांतिवीर नायक रविदास की जयंती का आयोजन बार एसोसिएशन हाल कवीर् चित्रकूट में किया गया।
प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर आलोचक रघुवंशिमण त्रिपाठी ने कहा कि रविदास मध्यकाल मे ऊंच नीच की खाई को पाटने का प्रयास तो किये ही साथ ही सामाजिक न्याय के लिए संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि रामचंद्र सरस की कविताएं वतर्मान संकट से मुठभेड करती हैं। प्रोफेसर शशिभूषण मिश्र ने काव्य संग्रह की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि इनकी कविताएं राजनीतिक संप्रदायवाद बाजारवाद भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करती हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संतोष भदौरिया ने रविदास के पदों की व्याख्या करते हुए कहा कि रविदास भक्ति आंदोलन का प्रमुखता से नेतृत्व किया था। तत्कालीन समाज मे घुला पाखंडवाद को अपने पदों के माध्यम से छानने का प्रयास किया है। मनुष्य को मनुष्य बनने की प्रेरणा दिया। रविदास जयंती समारोह की अध्यक्षता करते हुए माटी पत्रिका के प्रधान संपादक नरेंद्र पुंडरीक ने कहा कि सरस जी की कविताए किसान मजदूर कारीगर शिल्पकार के जीवन संघषर् को रेखांकित करती हैं। पूवर् प्रोफेसर गया प्रसाद यादव अतरार् डिग्री कॉलेज ने कहा कि रामचंद्र सरस जनवादी कवि हैं। एड अमित यादव ने कहा कि रविदास अपने समय के नायक थे। संचालक कवि प्रगतिशील लेखक संघ के जिलाध्यक्ष कवि सुनील कुमार ने कहा कि रविदास भक्ति आंदोलन के क्रांतिवीर नायक थे। सचिव श्याम सुंदर के द्वारा लिखी गयी संत गाडगे की जीवनी का विमोचन हुआ। श्याम सुंदर ने कहा कि रविदास मध्यकाल मे मनुष्य को मनुष्य बनाने वाले शिल्पकार थे। संत शिरोमणि रविदास स्मृति समिति के संयोजक रविकरन यादव ने कहा कि रविदास पैतृक पेशा करते हुए समाज को समतल करने का प्रयास किया। कविता सत्र में नरेंद्र पुंडरीक, रामचंद सरस ,सुनील कुमार, दिनेश चैहान, श्याम सुंदर, रविकरन यादव, प्रमोद सरल, रामअवतार साहू तथा नदी बचाओ आंदोलनकारी अभिमन्यु सिंह, दीनानाथ, एड अवधेश वक्शी, गया प्रसाद, आलोक बौद्ध आदि उपस्थित रहे।
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