जिला अस्पताल में जन औषधि के आड़ में मैन्युफैक्चरिंग की महंगी बाहरी दवाओं की बिक्री जोरों पर

<मरीजो के साथ इलाज के नाम पर हो रही लूट पर आखिर कौन दे रखा है सरक्षण जिला अस्पताल में जन औषधि के आड़ में मैन्युफैक्चरिंग की महंगी बाहरी दवाओं की बिक्री जोरों पर रिपोर्ट अर्जुन कश्यप पीएम आवास आवंटन में करोडों का खेल: अपात्रों को दे दिये आवास
चित्रकूट एक तरफ मोदी सरकार गरीबों को सुलभ इलाज के साथ मेडिकल स्टोर से सस्ती औषधि उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के माध्यम से लाभ पहुंचाने के लिए सरकार प्रयासरत है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय सिस्टम एवं सियासत के चलते प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की आड़ में जिला अस्पताल के अंदर चिकित्सकों के कमीशन खोरी के साथ जमकर प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का इलाज के नाम आर्थिक शोषण किया जा रहा है। बाहरी नकली जेनेरिक दवाओं का कारोबार कई वर्षों से संचालित है परंतु चिराग तले अंधेरा को मिटाने का कोई कार्य जिम्मेदार जिला प्रशासन द्वारा नहीं किया गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्थानीय स्तर पर सत्ताधारी नेताओं का दबाव एवं दूसरी तरफ जिम्मेदारों द्वारा प्रतिमाह सिस्टम के तहत कार्य कराया जाता है। आए दिन जिला अस्पताल में आवश्यक निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। चिकित्सकों द्वारा मेडिकल स्टोर से महंगी नकली जेनेरिक दवाएं जन औषधि केंद्र से लेने की सलाह मरीजों को देकर खुलेआम कमीशन खोरी के माध्यम से लूट का धंधा फल फूल रहा है। जिला चिकित्सालय में शिवकांत ने स्वास्थ्य समस्या को लेकर डॉक्टर रवि द्विवेदी को चिकित्सा परामर्श के लिए पहुंचे डॉक्टर द्वारा तमाम सलाह के साथ ही जिला अस्पताल के अंदर संचालित जन औषधि केंद्र से दवा लेने की सलाह देते हुए दवाये लिखी गई। जिला अस्पताल स्थित केंद्र में जब मरीज दवा लेने गया तो₹3000 की दवा संचालक द्वारा बताई गई पैसा कम होने की असमर्थता जताने पर कुछ दिन की दवाएं 1693 रूपये की प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के बिल जीएसट के साथ मरीज को दी गई। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जन औषधि केंद्र संचालक द्वारा बेची गई किसी भी दवा औषधि में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र की मोनोग्राम मोहर नहीं लगी थी। मैन्युफैक्चरिंग की बाहरी जेनेरिक नकली दवा का कारोबार मेडिकल स्टोर से महंगा मरीज को बेचा जा गया है। ऐसे ही प्रतिदिन सैकड़ो मरीजों को इलाज के नाम पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से मैन्युफैक्चरिंग बाहरी दवा का विक्रय करके मरीजों के जेब में खुलेआम डाका डाला जा रहा है। कई मरीज ने बताया कि जिला अस्पताल में जो भी दवाएं चिकित्सकों द्वारा प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र से लिखी जाती हैं कोई फायदा नहीं होता महंगा ट्रीटमेंट देकर सिर्फ मरीजो के साथ धोखा होता है। तमाम शिकायतों के बाद भी ड्रग इंस्पेक्टर श्रीकांत गुप्ता कार्यवाही के नाम पर सिर्फ निरीक्षण एवं नोटिस देकर खानापूर्ति करते हैं।

जिससे नकली दवा का कारोबार दिन दूना रात चौगुनी प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जिला अस्पताल चित्रकूट एवं मेडिकल स्टोर में लगातार बढ़ रहा है।अब देखना होगा कि जिला अस्पताल स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में महंगी मैन्युफैक्चरिंग की दवा बेचने वाले संचालक के विरुद्ध शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। फिर हाल प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में सरकारी चिकित्सकों के कमीशन खोरी के चलते खुलेआम गरीब मरीजों के साथ इलाज के नाम पर लूट की जा रही है। इस संबंध में ड्रग इंस्पेक्टर श्रीकांत गुप्ता से बात की गई तो कहा कि जल्द ही कार्यवाही की जाएगी। वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा की शासन का स्पष्ट आदेश है कि बाहर से किसी भी प्रकार की कोई दवा बिल्कुल ना लिखा जाए अगर चिकित्सकों द्वारा सेटिंग की दवाएं लिखी जाती है तो जल्द ही जांच कर कर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।