शिक्षा से ही खत्म होगी बाल विवाह की बुराई: शंकरदयाल

शिक्षा से ही खत्म होगी बाल विवाह की बुराई: शंकरदयाल

रिपोर्ट सुरेन्द्र सिंह कछवाह
चित्रकूट। जनकल्याण शिक्षण प्रसार समिति के संयोजक शंकरदयाल ने सामाजिक बुराई बाल-विवाह को खत्म करने को पहल की है। उन्होंने शिक्षा अधिनियम के तहत 14 साल की उम्र तक बच्चों को शिक्षा मुफ्त का नियम बताते हुए गरीब परिवारों की बेटियांे की आगे की पढ़ाई कराने पर जोर दिया। कहा कि ऐसी बच्चियों का बाल विवाह कर दिया जाता है।
रविवार को जनकल्याण शिक्षण प्रसार समिति के संयोजक शंकरदयाल ने रघुवीर प्रसाद कन्या इंटर कालेज पहाडी, मानिकपुर ब्लाक के सरैंया के घाटी कोलान व ज्ञान भारती इंटर कालेज कवीर् में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया। आजादी से पहले व बाद में निरंतर प्रयास हो रहे हैं कि सामाजिक बुराई खत्म हो सके, ये समाज में आज भी जारी है। समूह उन्मूलन को जरूरी है कि बच्चों खासतौर पर बच्चियों को शिक्षित किया जाए। उनका कौशल विकास किया जाए। शिक्षा से ही बाल विवाह जैसी बुराइयां खत्म हो सकती हैं। कम उम्र की लड़कियों को बाल विवाह से शारीरिक व मानसिक पीड़ा होती है। भारत सरकार समय-समय पर बाल विवाह के खिलाफ कडे कदम उठाती है। एक बार फिर ये मुहिम चलाई जा रही है। सरकार ने कानूनी तौर पर बाल विवाह रोकने को मुहिम छेड़ी है, जो सराहनीय है। बाल विवाह देश के हर राज्य में पैर पसारे है। बाल विवाह सामाजिक बुराई को खत्म करने को शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है। 18 साल की उम्र तक शिक्षा मुफ्त अनिवायर् करना ब्रह्मास्त्र साबित होगा। बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई के उन्मूलन को कई स्तरों पर एक साथ कदम उठाना होगा।
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