आयोजकों की मंशा ठीक थी, दलालों की भेंट चढ गया ब्राम्हण सम्मेलन

आयोजकों की मंशा ठीक थी, दलालों की भेंट चढ गया ब्राम्हण सम्मेलन

सम्मेलन में नहीं जुटे अपेक्षित ब्राम्हण

रिपोर्ट अर्जुन कश्यप

चित्रकूट। अखिल भारत ब्राम्हण महा सम्मेलन अव्यवस्थाओं व दलालों की भेंट चढ गया। आज हुए सम्मेलन में बमुश्किल एक सैकडा लोग जुटे। ब्राम्हण समाज के लोग खुद कहते नजर आये कि सम्मेलन फ्लाप रहा। जिस उद्देश्य से सम्मेलन हुआ था, उद्देश्य की प्रतिपूतिर् नहीं हो सकी।
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गुरुवार को सीतापुर स्थित आनन्द रिसार्ट में अखिल भारत ब्राम्हण महासम्मेलन की आयोजक/ब्राम्हण महासभा के महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती अचर्ना उपाध्याय व पति नितिन उपाध्याय की मंशा तो सही थी, लेकिन वे बाहरी होने के नाते सम्मेलन को परवान नहीं चढा सके। सम्मेलन का उद्देश्य समाज के उत्पीडन, उपेक्षा व तिरस्कार पर बहस का था- सभी वक्ता विषय से भटके नजर आये। सम्मेलन मंे नारेबाजी होती रही- ब्राम्हण बोला है, सिंहासन डोला है- महज नारेबाजी तक सिमट गया। कुछ वक्ताओं ने पूवर् सांसद भैरों प्रसाद मिश्र के भाजपा से टिकट की वकालत की।
कुल मिलाकर ब्राम्हण महासम्मेलन कुछ आयोजकों की भूल से दलालों की भेंट चढ गया। सम्मेलन में दलालों ने अपनी खूब रोटी सेंकी। सम्मेलन मंशा व उद्देश्यों से भटका नजर आया। सम्मेलन में ज्यादातर कुसिर्यां खाली दिखीं। सम्मेलन में बांदा-चित्रकूट संसदीय क्षेत्र के लोग कम ही दिखे, मप्र क्षेत्र के लोग ज्यादा नजर आये। यहां तक कि सम्मेलन में आये ब्राम्हणों ने भी कहा कि सम्मेलन में स्थानीय लोगों ने शिरकत नहीं की।
ब्राम्हण महासम्मेलन में राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेन्द्रनाथ त्रिपाठी ने कहा कि ब्राम्हण समाज को राजनैतिक दल ठगना बन्द कर दे। समाज हितों में जो दल काम करेगा, ब्राम्हण उसका साथ देगा। 14 दिसम्बर लखनऊ में हुए सम्मेलन के बाद प्रदेश के सभी 18 मंडलों में सम्मेलन हुए हैं। 14 से 20 माचर् के बीच समाज के सभी संगठनों की दिल्ली में बैठक में मंथन होगा। पूरे देश में 17 फीसदी ब्राम्हण हैं। हर बूथ पर भारी दिखते हैं। पूवर् सांसद भैरों प्रसाद मिश्र ने कहा कि समाज में भागीदारी को सबको एक साथ खडे रहना होगा, तभी समाज के गरीब-शोषित को न्याय मिलेगा।
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