मिलेट्स उत्पादन और प्राकृतिक खेती से करें मानव स्वास्थ्य व पयार्वरण की रक्षा – सीडीओ

मिलेट्स उत्पादन और प्राकृतिक खेती से करें मानव स्वास्थ्य व पयार्वरण की रक्षा – सीडीओ

– दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव का हुआ आगाज

रिपोर्ट सुरेंद्र सिंह कछवाह
चित्रकूट: कृषि विभाग द्वारा दो दिवसीय मिलेट्स महोत्सव, मिलेट्स रेसिपी एवं उपभोक्ता जागरूकता कायर्क्रम 2023-24 की शुरुआत राष्ट्रीय रामायण मेला परिसर चित्रकूट में गुरूवार को हुई।
कायर्क्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने किसानों का आह्वान किया कि अपने जनपद में परंपरागत फसलों जैसे ज्वार, बाजरा, मिलेट्स अथवा श्री अन्न जैसे सावां, कोदो, रागी आदि की खेती करके अधिक लाभ प्राप्त करें। मिलेट्स या मोटे अनाज जिनमें ज्यादा खाद, पानी और अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पडती, कम क्षेत्रफल में अधिक लाभ देते हैं। बाजार में मोटे अनाज जैसे ज्वार बाजरा, सांवा, कोदो आदि की कीमत धान, गेहूँ से काफी अधिक है। उन्होंने किसानों से कहा कि प्राकृतिक खेती करके मानव स्वास्थ्य, अपनी मिट्टी और पयार्वरण की सुरक्षा करते हुए गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न का उत्पादन करके कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त करें। किसान संगठित होकर कृषक उत्पादन संगठन बनाकर निवेश का विपणन व किसानों द्वारा पैदा किए गए उत्पादों को ऊँची कीमत पर बेच सकते हैं। जिले में इस समय 19 एफपीओ बने हुए हैं। जिनसे जुड़कर किसान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने अपील की कि दैनिक जीवन में प्लास्टिक का प्रयोग न करें। प्लास्टिक से पयार्वरण प्रदूषण के साथ ही मानव व पशु स्वास्थ्य भी खराब होता है। उप कृषि निदेशक राज कुमार ने कहा कि धान, गेहूँ जैसी फसलों से हटकर दलहनी, तिलहनी फसलों व श्री अन्न की खेती से अधिकाधिक क्षेत्र में करें ताकि कम लागत में अधिक लाभ मिल सके। ज्वार बाजरा व मिलेटस आदि की खरीद के लिए जिले में क्रय केन्द्र भी खोले जाते हैं। जहां किसान स्वयं के द्वारा उत्पादित उपज को निधार्रित मूल्य पर बेच सकते हैं।
जिला कृषि अधिकारी आर पी शुक्ल ने कहा कि सभी किसान कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्य आदि विभागों से संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि कृषि रक्षा रसायनों व रासायनिक उवर्रकों के अंधाधुंध इस्तेमाल से मनुष्य में कैंसर, हृदयाघात जैसी घातक बीमारियां हो रही हैं। उन्होंने अपील किया कि किसान वैज्ञानिकों एवं कृषि विशेषज्ञों द्वारा संस्तुत की गई मात्रा में ही उवर्रकों तथा कृषि रक्षा रसायनों का प्रयोग करें।
इस अवसर पर उप पशु मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज कुमार, भूमि संरक्षण अधिकारी कवीर् देवेन्द्र सिंह निरंजन, भूमि संरक्षण अधिकारी तुलसी राम, कृषि विज्ञान केन्द्र गनीवां के केन्द्र प्रभारी एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ के एस शुक्ला, गृह वैज्ञानिक डॉ ममता त्रिपाठी, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ विजय गौतम ने नवीनतम कृषि तकनीकी के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। कायर्क्रम का संचालन कृषि विभाग की विषय वस्तु विशेषज्ञ प्रीति राज ने किया। महोत्सव के पहले दिन लगभग 700 किसानों व कृषक महिलाओं ने भाग लिया और वैज्ञानिक संवाद कायम किया।
इस मौके पर जिला उद्यान अधिकारी डॉ प्रतिभा पांडेय, जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी डॉ अविनाश झा, कायार्लय सहायक राजेन्द्र सिंह, अरूण कुमार, राघवेन्द्र सिंह, नितिन कुमार, अमर सिंह, आस्था गुप्ता, सविता कुशवाहा आदि मौजूद रहे।
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